उत्तराखंड पुलिस की गढ़वाल रेंज ने 19 पुलिस इंस्पेक्टर्स के तबादलों की सूची जारी की है।22 मार्च को जारी की गई उक्त सूची में सर्वाधिक 8 नाम देहरादून जिले है। गढ़वाल रेंज डीआईजी नीरू गर्ग के हस्ताक्षर से जारी आदेश में जिला कप्तान को निर्देशित किया गया है कि इन 19 निरीक्षकों को हरिद्वार में चल रहे कुंभ मेला की समाप्ति के बाद कार्यमुक्त किया जाये। कुम्भ अप्रैल माह के अंत में

पूर्ण होगा।
जिसके बाद से महकमे में उक्त तबादलों को लेकर काफी चर्चायें हो रही है। तबादला प्रक्रिया पर विभाग के ही अधिकारी सवाल उठा रहे है कि कार्यमुक्ति से एक महीना पहले तबादला सूची जारी करने को लेकर इतनी जल्दबाजी पहले कभी देखने को नही मिली है। उक्त तबादला सूची में सर्वाधिक 8 नाम देहरादून जिले से है जिन्हें देहरादून से बाहर भेजा गया है। एक साथ इतनी बड़ी संख्या में इंस्पेक्टर्स को जिले से बाहर तबादले कर देने से अधिकारी की नेतृत्व क्षमता भी कटघरे मे आ गयी है?

भारतीय पुलिस सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारियों ने भी उक्त तबादला प्रक्रिया को उचित नही माना है। सभी का कहना है इस प्रकार के निर्णय से बल के मनोबल तो प्रभावित होता ही है अधिकारियों की नीति एवं नेतृत्व की क्षमता पर भी प्रश्न चिन्ह लगते है।अमूमन देखा गया है कि पुलिस बल में कर्मी को तबादले आदेश के 24 से 48 घंटे में अपने नये जिले अथवा थाना क्षेत्र में आमद दर्ज करवानी होती है। ताकि तबादलों का कानून पर कोई प्रभाव न पड़े। पुलिस महकमे में इंस्पेक्टर्स विभाग की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी माना गया है। उसके थाना क्षेत्र में होने वाली सम्पूर्ण घटनाओ पर उनकी नजर होती है। थाना क्षेत्र अंतर्गत घटित आपराधिक घटनाओं की विवेचनाओं पर भी सीधी निगरानी इंस्पेक्टर्स की ही होती है।ऐसे में एक माह पहले ही तबादला सूची जारी होने से क्या उक्त इंस्पेक्टर्स की निगरानी में चल रहे विवेचना से सम्बंधित कार्य प्रभावित नही होंगे?
सवाल उठ रहे है कि ऐसे क्या कारण हो गए जो एक साथ 8 निरीक्षकों के जिले से बाहर करना पड़ गया है। क्या इनके विरुद्ध कोई शिकायत है! अस्थायी राजधानी देहरादून राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र है जहां धरने प्रदर्शन प्रायः आम बात है। अपराधिक घटनाओं के नजरिये से भी यह जिला संवेदनशील माना जाता है। नये अधिकारी के लिए क्षेत्र भी नया होगा। जिसे समझने में समय लगेगा। क्या इससे नागरिको की सुरक्षा प्रभवित नही होगी?
या फि पुलिस मुख्यालय की तबादला नीति का अनुपालन रेंज के अधिकारी के लिए कानून व्यवस्था एवं नागरिकों की सुरक्षा से अधिक जरूरी हो गया है?