चुनोतियाँ अगर पहाड़ सी हो तो सफतला के भी शिखर होते है। उत्तराखंड में कोरोना हार रहा है और कोरोनो संक्रमितों के उपचार में लगी डॉक्टर्स ,नर्सेज, पैरामेडीकल, सफाई कर्मचारी आदि की टीम जीत रही है।सोमवार को जारी मेडिकल बुलेटिन के आंकड़े तो कुछ ऐसा ही कहानी बयां करते दिख रहे हैं। उत्तराखंड में कोरोना के इतिहास की अब तक सबसे बडी संख्या 186 , जिन्हें स्वस्थ होने पर देर शाम राज्य के विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी दे दी गयी है। उत्तराखंड में सचिव स्वास्थ एवं चिकित्साशिक्षा का जिम्मा संभाले अमित नेगी ज्यादा समय नही हुआ है किंतु जिस निष्ठा व समर्पन से वह डॉक्टर्स के साथ मिल कर राज्य से कोरोना को भगाने की रणनीति पर कार्य कर रहे है वह दिन दूर नही जब उत्तराखंड पूर्ण रूप से कोरोना मुक्त हो जाएगा। जून माह की शुरुवात से ही राज्य में बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का स्वस्थ होकर अस्पताल से घर लौटने का सिलसिला शुरू हो गया था। जो दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा है। विगत कुछ दिनों से राज्य में कोरोना पॉजिटिव की संख्या कम होती जा रही है और स्वस्थ होकर छुट्टी पाने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है।
सोमवार 8 जून को जारी हेल्थ बुलेटिन के आंकड़ों के अनुसार कोरोना के 56 नये मामले आने के बावजूद राज्य में एक्टिव केस की संख्या 677 है जबकि अस्पतालों से रिलीव होने वालों की संख्या अब 714 को पार कर गयी है। महामारी के इस विकट दौर में कोरोना से जूझ रही प्रदेश की मेडिकल टीम की कार्यकुशलता का अंदाज इसी बात से लगया जा सकता हैं कि राज्य में कोरोना मरीजों का रिकवरी परसेंटेज 48.04%पर पहुँच गया है। आंकड़े दर्शाते हैं कि राज्य में कोरोना पॉजिटिव के डबलिंग रेट में भी भारी कमी आयी है पहले के मुकाबले वर्तमान में उत्तराखंड में कोरोना पॉजिटिव का डॉबलिंग रेट लगभग16 दिन पर पहुँच गया है। जिससे पता चलता है कि राज्य में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में जनता ने बेहद जागरूक भूमिका निभायी है। हालाकिं की सेंपल टेस्टिंग में कमी होने से भी यह आंकड़े प्रभावित हुए है। अभी तक उत्तराखंड में कोरोना के कुल 1411 मामले पॉजिटिव आ चुके हैं।