कुलदीप एस राणा : ऋषिकेश से वीरभद्र के मध्य दौड़ी रेल।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का पहला ट्रायल हुआ संपन्न
वह दिन दूर नहीं जब उत्तराखंड के पहाड़ी गांववासियों को रेलगाड़ी की सीटी सुनाई देने लगेगी। ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट के अंतर्गत पहला स्टेशन वीरभद्र में बन कर तैयार हो गया है। बीते मंगलवार को रेलवे सुरक्षा आयुक्त शैलेश कुमार पाठक के नेतृत्व डीआरएम मुरादाबाद तरुण प्रकाश ,रेल विकास निगम के परियोजना निदेशक विनय सिंह व तकनीकी विभाग के अधिकारियों ने नवनिर्मित स्टेशन प्लेटफार्म, अंडरपास ,स्टेशन मास्टर कार्यालय, कंट्रोल रूम आदि का निरिक्षण किया साथ ही सुरक्षा के मानकों के अनुरूप नई बिछायी गयी रेल की पटरियों का बेहद गंभीर परीक्षण किया , नई बिछायी गयी पटरियों पर आठ बोगियों के साथ सीसीआरएस इंजन तेज गति से दौड़ता नजर आया। उक्त निरीक्षण-परीक्षण के साथ ही वीरभद्र तक रेलवे अधिकारीयों का पहला ट्रायल सम्पन्न हुआ। रेलवे के उच्च अधिकारियों की उपस्थिति में हुए उक्त ट्रायल में दोनो स्टेशन के मध्य बिछायी गयी पटरियों की क्षमता के साथ साथ सुरक्षा के मानकों को बेहद बारिकी से परखा गया। ट्रायल के दौरान अधिकारियों ने सुरक्षा से जुड़ी कुछ खामियों को चिन्हित भी किया।
जिन्हें एक सप्ताह में ठीक करने के निर्देश परियोजना निदेशक को दिये गए। ट्रायल की सफलता को लेकर रेलवे द्वारा कोई आधिकारिक पुष्टि नही की गई । हालाकिं यह अभी पहला ट्रायल था , ऋषिकेश से वीरभद्र तक हरी-भरी वादियों के बीच रेलगाड़ी को नई पटरियों पर दौड़ता देख स्थानीय निवासी बेहद उत्साहित नजर आए। उक्त ट्रायल को लेकर रेल विकास निगम काफी समय से तैयारियो में जुटा हुआ था ऋषिकेश से कर्णप्रयाग को जोड़नेे वाली लगभग 125 मीटर लंबी उक्त रेल लाइन परियोजना को वर्ष 2025 तक पूर्ण करने के लक्ष्य रखा गया है।