लोकसभा में मैती आंदोलन की रूपरेखा प्रस्तुत करेंगे कल्याण सिंह रावत।
मैती आंदोलन के अंतर्गत विवाह के समय मायके में पौधा रोप कर विदाई लेती है पहाड़ की बेटियां।
25 वर्ष पहले वैवाहिक जोड़े द्वारा विदाई के समय मायके में वृक्षारोपण से आरंभ हुआ मैती आंदोलन अब संपूर्ण भारतवर्ष में विस्तारित होने जा रहा है। सामाजिक जीवन की परंपराओं से पर्यावरण संरक्षण का यह अचूक मन्त्र रचने वाले मैती आंदोलन के प्रेणता पद्मश्री कल्याण सिंह रावत का यह आंदोलन अब देश के सभी संसदीय क्षेत्रों में आरम्भ किया जाएगा ।
लोकसभा सचिवालय के ब्यूरो ऑफ पार्लियामेंट्री स्टडीज एंड ट्रेनिंग ने अध्ययन के उपरांत मैती आंदोलन की उपयोगिता को समझते हुए इसे देश प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में विस्तारित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए लोकसभा में मैती आंदोलन के सामाजिक,
आर्थिक एवं पर्यावरणीय पहलुओं पर एक संबंधित रिपोर्ट का प्रस्तुतीकरण किया जाएगा। ताकि लोकसभा सदस्य इसे अपने अपने क्षेत्रों में प्रचारित कर इस मुहिम को आगे बढ़ने में कोशिश करेंगे। साथ ही प्रत्येक लोकसभा सदस्य,अधिकारियों व कर्मचारियों के वेब पोर्टल पर भी यह प्रस्तुतिकरण अपलोड किया
जाएगा। लोकसभा सचिवालय में निदेशक सीमा कौल सिंह ने पत्र के माध्यम से कल्याण सिंह रावत को मैती आंदोलन के संसदीय क्षेत्रों में विस्तार किये जाने संबंधित योजना की जानकारी दी ।
लोकसभा सचिवालय द्वारा मैती आंदोलन के विस्तार को लेकर लिए गए निर्णय का आभार जताते हुए पर्यावरण प्रेमी कल्याण सिंह रावत ने कहा कि मैं उन सभी का आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने उत्तराखंड की बेटियों के इस आंदोलन को महत्व एवं सम्मान से हिमालय का गौरव बढ़ाया है।