उत्तराखंड के राजनीति में दूरगामी बदलाव के संकेत
उत्तराखंड राज्य में विगत एक सप्ताह से आश्चर्यजनक राजनीतिक उथल-पुथल देखने को मिल रहे है।तीन दिन पहले ही भाजपा हाई कमान ने प्रदेश सरकार में नेतृत्व परिवर्तन करते हुए त्रिवेंद्र को हटाकर तीरथ रावत को मुख्यमंत्री बनाया दिया, वहीं आज 12 मार्च को संघटन में भी नेतृत्व परिवर्तन कर दिया है। प्रदेश भाजपा की कमान अब बंसीधर भगत से लेकर मदन कौशिक को सौंप दी गयी है। आपको बताते चलें कि मदन कौशिक हरिद्वार जिले आते है। और त्रिवेंद्र रावत की कैबिनेट के कद्दावर मंत्रियों में रहे हैं। उत्तराखंड में अभी कैबिनेट के विस्तार होना बाकी है। ऐसे में पहले संगठन में बदलाव कर केंद्रीय भाजपा ने नये समीकरण पैदा कर दिए है। इसके मूल में छिपी राजनीतिक दूरदर्शिता से फिलहाल प्रदेश भाजपा भी हैरत में है। वहीं बंसीधर भगत के तीरथ कैबिनेट में आने संभावनाएं और प्रबल हो गयी हैं। राजनीतिक पंडित भी उत्तराखंड की सत्ताधारी राजनीति में हुए उलटफेर के पीछे छिपे निहितार्थ को तलाशने में जुटे हुए हैं। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि यह उत्तराखंड में राजनीति में तीसरा ध्रुव कुमायूं, गढ़वाल के बाद मैदान पैदा हो गया है। जो संगठन सत्ता और संतुलन के साथ साथ आने वाले चुनाव को बहुत ज्यादा प्रभावित करेगा। उत्तराखंड में 70 विधानसभा सीटें हैं जिनमे से 31 सीटें तीन मैदानी जिलों हरिद्वार,देहरादून और उधमसिंह नगर में है।