कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के कोरोना पॉजिटिव आने से सरकार से लेकर शासन में तक हड़कंप है। तीन दिन पूर्व शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में सतपाल महाराज के शिरकत करने से संपूर्ण मंत्री मंडल पर कोरोना संक्रमण के बादल छा गए हैं। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या मुख्यमंत्री, मंत्री के साथ कैबिनेट मीटिंग में शिरकत करने वाले नॉकरशाह भी होम कोरेन्टीन किये जायँगे ?
उक्त सन्दर्भ में जब प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी से बात की तो उन्होंने कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए भारत सरकार की निर्धारित गाइडलाइन की जानकारी देते हुए बताया कि संक्रमित व्यक्ति की कान्टेक्ट ट्रेसिंग के संबंध मे प्रावधान है कान्टेक्ट का दो वर्गों में वर्गीकरण किया जाएगा।
1-हाई रिस्क वाले कान्टेक्ट
2-लो रिस्क वाले कान्टेक्ट
कैबिनेट बैठक में मंत्रीगण व अधिकारियों के भारत सरकार के दिशा-निर्देशो के अनुसार कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के क्लोज कान्टेक्ट में न होने के कारण कम रिस्क वाले कान्टेक्ट के अंतर्गत आते हैं। ऐसे में वह अपना कार्य सामान्य रूप से कर सकते हैं और उन्हें क्वारेंटाईन किए जाने की आवश्यकता नहीं है।
कितुं सेंट्रल एपिडेमिक एक्ट के अनुसार यह निर्णय जिला प्रशासन को करना होता है कि निर्धारित नियमो के अनुसार किसे कोरेन्टीन करना है किसे नही। शासन ने कैबिनेट बैठक में शामिल सभी मंत्रीगणों, अधिकारियों की सम्पूर्ण जानकारियां जिला प्रशासन को सौंप दी है।
अधिक रिस्क वाले कान्टेक्ट की दशा में 14 दिन के लिए होम क्वारेंटाईन किया जाता है और आईसीएमआर के प्रोटोकोल के अनुसार टेस्ट कराया जाता है ।
वहीं कम रिस्क वाले कान्टेक्ट की दशा में सम्बंधित व्यक्ति अपना कार्य पहले की तरह कर सकते हैं। हालाकिं 14 दिनों तक उनके स्वास्थ्य पर निगरानी जरूर रखी जाएगी।