Headlines

    क्या है इकली कॉउन्सिल में विशेष सलाहकार पद पर मेयर सुनील उनियाल गामा के चयन का सच

    राजनीति में लोकप्रियता हासिल करने के लिए अनेक प्रकार के  हथकंडे अपनाये जाते रहें है। बदलते समय के साथ सोशल मीडिया के सहारे आप खुद को कहीं भी बैठे-बैठे चर्चा के केंद्र में ला सकते है यदि पत्रकारों से आपकी साठगांठ है तो मीडिया के जिम्मेदार पत्रकार बिना पुष्टि किये आपके कहे को प्रमुखता से प्रकाशित भी कर देगें। इसी प्रकार का एक प्रकरण इन दिनों देहरादून नगरवासियों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
    मेयर सुनील उनियाल गामा की फेसबुक वाल का स्क्रीन शॉट
     विगत दिनों से सोशल मीडिया पर जर्मनी की एक अंतरराष्ट्रीय संस्था द्वारा देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा को सलाहकार बनाये जाने की चर्चायें खूब वाइरल हो रही है। इसकी शुरुआत खुद मेयर द्वारा फेसबुक पर एक पोस्ट के अपलोड करने से हुई। पोस्ट में मेयर ने दूनवासियों को बताया है कि शहर में कूड़ा निस्तारण प्रबंधन में उनके द्वारा किये कार्यों के लिए जर्मनी स्थित अंतरराष्ट्रीय संस्था इकली कॉउन्सिल ने उनका चयन संस्था की एक्सक्यूटिव कॉउन्सिल में विशेष सलाहकार हेतु किया है। उनके अलावा दो अन्य मेयर का भी चयन किया गया है।
    हालांकि कूड़ा निस्तारण की वस्त्विकता का अंदाजा सड़को के किनारे रखे सड़ांध मारते निगम के कूड़े दान से बाहर बिखरे कूड़े को देख कर अपने आप लग जाता है।
     आश्चर्यजनक बात यह है कि एक विदेश संस्था द्वारा देहरादून के मेयर का चयन किया गया है इसकी पुख्ता जानकारी न तो निगम के मुख्य नगर आयुक्त के पास है न ही उत्तराखंड शासन में शहरी विकास विभाग के सचिव के पास है।
     उक्त प्रकरण पर शहरी विकास विभाग के सचिव शैलेश बगोली का कहना है कि उन्हें उक्त चयन से संबंधित कोई जानकारी नही है, अखबार के माध्यम से ही मुझे भी पता लगा है। नगर आयुक्त ही इस बारे में कुछ बता सकते है।
    इतना बड़ा सम्मान और शासन -सरकार को जानकारी नही क्या यह सम्भव है?
      सचिव के कहे अनुसार जब देहरादून नगर निगम के मुख्य नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय से इस सम्बंध में पूछा गया तो उन्होंने ने भी पल्ला झाड़ते हुए कहा कि मेयर साहब का चयन हुआ है तो चयन की जानकारी और पत्र भी उन्ही के पास होगें, नगर निगम के पास इस प्रकरण से सम्बंधित कोई दस्तावेज नही है।
      जिस नगर निगम के मेयर का चयन हुआ हो उसके आयुक्त को इसकी जानकारी न होना क्या सवाल खड़े नही कर रहा है?
     अखबारों ने भी मेयर को सलाहकार बनाये जाने की खबर को खूब बढ़ा चढ़ा कर प्रकाशित किया किंतु साक्ष्य के बारे में किसी अखबार में कुछ नही था।
    सरकार द्वारा भी उक्त उपलब्धि पर दून के मेयर  का कोई सम्मान नही किया गया न ही मुख्यमंत्री के फेसबुक पर कोई बधाई पोस्ट की गई है।
    देहरादून के लोग मेयर के इस प्रकरण पर सवाल खड़े कर रहे है। उनका कहना है क्या उक्त चयन प्रक्रिया की जानकारी गोपनीय रूप से मात्र मेयर को ही दी गई ?
     सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का यह तरीका सुनील उनियाल गामा के साथ साथ देहरादून शहर एवं मुख्यमंत्री की छवि को भी नुकसान पहुंचता प्रतीत हो रहा है। क्योंकि मेयर के पद पर बैठाने में मुख्यमंत्री का अहम भूमिका रही है।
    अगर उक्त चयन में कोई भी सत्यता है तो
      सुनील उनियाल गामा को इकली कॉउन्सिल से सम्बंधित संबंधित पत्र या ईमेल आदि जानकारी सरकार ,शासन व देहरादून की जनता से क्या साझा नही करनी चाहिये थी ?
    Scroll to Top