Headlines

    कोटद्वार विधानसभा- रितु खंडूरी पिता के 10 वर्ष बाद पुत्री मैदान में

    -बीजेपी ने जारी की 9 सीटों पर प्रत्यशियों की दूसरी सूची।

    -9 में 2 महिला प्रत्याशियों को दिये टिकट।

    -कोटद्वार से रितु भूषण खंडूरी व केदारनाथ सीट से शैला रानी रावत लड़ेगी चुनाव।

    उत्तराखंड बीजेपी इन दिनों चुनावी उलट पलट की रणनीति को लेकर चुनावी मैदान में उतरती दिख रही है। 20 जनवरी को 59 प्रत्यशियों की पहली सूची जारी करने के ठीक 6 दिन बाद बुधवार 26 जनवरी को भाजपा ने 11 में से 9 प्रत्यशियों की दूसरी सूची जारी की जिसमे कोटद्वार विधानसभा सीट से रितु भूषण खंडूरी को चुनावी मैदान में उतारा गया है। रितु खंडूरी वर्तमान में यमकेश्वर सीट से विधायक है।

    पिता पूर्व सीएम बीसी खंडूरी के साथ रितु खंडूरी

    पहली सूची में यमकेश्वर सीट से उनका नाम काट दिया गया था उनके स्थान पर रेनु बिष्ट को टिकट दिया गया। रितु भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्षा भी है टिकट काटे जाने के बाद यह बात काफी चर्चाओं में रही कि अपनी पार्टी की अध्यक्षा का टिकट तो काट दिया और नैनीताल सीट पर कांग्रेस से एक दिन पहले आयी सरिता आर्य को टिकट दे दिया गया। रितु खंडूरी उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मेजर(से नि) जनरल भुवन चन्द्र खंडूरी की पुत्री भी है।

    वर्ष 2012 में पूर्व सीएम खंडूरी भी लड़ चुके है कोटद्वार से चुनाव

    पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल (सेनि) बीसी खंडूरी ( फ़ाइल फोटो)

    पौड़ी जिले की कोटद्वार सीट खंडूरी परिवार के लिये पहले भी मुफीद साबित नही हुई थी जातीगत आधार पर देखा जाय तो यह विधानसभा ठाकुर बाहुल्य मानी जाती है। जहां ठाकुर क्षत्रपों का कब्जा रहा है यही कारण है  सुरेंद्र नेगी,शैलेन्द्र रावत, डॉ हरक सिंह रावत यहां से चुनकर विधानसभा पहुचे हैं जबकि भाजपा के खंडूरी है जरूरी के नारे के बावजूद वर्ष 2012 के विधान सभा चुनाव में जनरल खंडूरी  कांग्रेस के स्थानीय ठाकुर प्रत्याशी सुरेन्द्र नेगी के हाथों परास्त हो गये थे।

    जिसके बाद सियासी गलियारों में लंबे समय तक यह चर्चा आम रही कि जनरल खंडूरी को साजिशन कोटद्वार सीट से चुनाव तो नही लड़वाया गया था। जनरल की हार में अनेक बड़े नेताओं के नाम भी उभर कर चर्चाओं में आयें थे।

    सियासी षड्यंत्र का शिकार तो नही रितु खंडूरी-

    जिस तरह से पहली सूची में सिटिंग सीट से नाम काट कर अब कोटद्वार सीट से टिकट दिया गया है उससे चयन प्रक्रिया भी सन्देह में घेरे में आ गयी है।मुख्यमंत्री रहते पिता की हार के ठीक 10 वर्ष के उपरांत मूल सीट से टिकट काट कर कोटद्वार से चुनाव मैदान में उतारे जाने से कहीं रितु खंडूरी किसी राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार तो नही बन रही है। क्योकि 2019 के लोकसभा चुनाव में जनरल खंडूरी के पुत्र कांग्रेस में शामिल हो गए थे जिसके बाद से भाजपा में अंदरखाने खंडूरी परिवार को लेकर काफी नाराज मानी जाती है।

    भाजपा के दूसरी सूची...

     

    Scroll to Top