केदारनाथ यात्रा के प्रथम पड़ाव गौरीकुंड स्थित तप्तकुंड के निकट के भूमिधरों को पुनर्स्थापित किये जाने के मुद्दे पर भाजपा नेता अजेंद्र अजय ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुलाकात की। गौरीकुंड स्थित तप्तकुंड में स्नान और पूजा-पाठ करने के पश्चात ही केदारनाथ यात्रा की शुरुवात होती हैं। वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा में गौरीकुंड स्थित तप्तकुंड का भी नामो-निशान मिट गया था। अजेंद्र ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने गौरीकुंड और तप्तकुंड के पुनर्निर्माण की दिशा में कोई प्रयास नहीं किए। वर्तमान सरकार के प्रयासों से केदारनाथ के साथ- साथ गौरीकुंड के पुनर्निर्माण का कार्य भी तेजी से चल रहा है।ऐसे में सरकार द्वारा तप्तकुंड का विकास और उसके निकट क्षेत्र का सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है। विस्तारीकरण व सौंदर्यीकरण की प्रक्रिया के तहत प्रशासन द्वारा तप्तकुंड के निकट की भूमि अधिग्रहीत की गई है। अजेंद्र ने मुख्यमंत्री से मांग की कि जिन लोगों की भूमि अधिग्रहीत की गई है, उन्हें दूसरे स्थान पर भूमि आवंटित की जाए। भूमिधरों की मांग पर जिला प्रशासन द्वारा भूमि आवंटन का प्रस्ताव तैयार कर शासन को प्रेषित किया चुका है। साथ ही पुनर्निर्माण के पश्चात तप्तकुंड में फाटा व रविग्राम के जमलोकी ब्राह्मणों के हक – हकूक आपदा से पूर्व की भांति निर्धारित किये जाने का विषय को भी मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत किया ।जिस पर मुख्यमंत्री ने भूमि धरों के हितों के अनुरूप कार्रवाई का आश्वासन दिया।
केदारनाथ-गौरीकुंड के भूमिधरों के मुद्दे पर मुख्यमंत्री से मिले अजेंद्र अजय
