उत्तराखंड सरकार द्वारा औषधीय पादप बोर्ड में उपाध्यक्ष ,राज्यमंत्री स्तर के दायित्व से नवाजे जाने के बाद सोमवार को अनिल नौटियाल कर्णप्रयाग पहुँचे। कर्णप्रयाग पहुँचने पर भाजपा कार्यकर्ताओं एवं क्षेत्र की जनता ने अनिल नौटियाल जोरदार स्वागत किया। समर्थकों ने उन्हें कंधे पर बैठाकर पूरे कर्णप्रयाग बाजार के भृमण कराया। इस स्वागत समारोह में नौटियाल का क्षेत्र में दबदबा स्पष्ट झलक रहा था।
भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ-साथ जिस प्रकार क्षेत्र की जनता का जनसमर्थन नौटियाल के स्वागत में उमडा, क्या वह कर्णप्रयाग विधानसभा के राजनीतिक धरातल पर किसी बड़े परिवर्तन का पूर्व संकेत हो सकता है। बताते चले कि अनिल नौटियाल कर्णप्रयाग विधानसभा सीट से दो बार भाजपा के विधायक भी रहे चुके हैं। वर्ष 2002 से 2007 तक फिर वर्ष 2007 से 2012 तक लगातार भाजपा के टिकट पर जीत हासिल कर विधानसभा पहुँचे थे। बावजूद इसके वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अनिल नौटियाल के स्थान पर हरीश पुजारी को चुनाव मैदान में उतारा। नतीजा भाजपा को कर्णप्रयाग सीट गंवानी पड़ी। उस चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी तीसरे स्थान पर लुढ़क गए थे कांग्रेस के डॉ.अनुसूया प्रसाद मैखुरी को स्वतंत्र प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह नेगी से मात्र 227 वोट के अंतर से विजय प्राप्त हुई थी। वर्ष 2017 के चुनाव में पार्टी ने एक बार फिर अनिल नौटियाल का टिकट काट कर भाजपा ज्वाइन कर चुके सुरेंद्र सिंह नेगी को प्रत्याशी बनाया। इस चुनाव में कर्णप्रयाग विधानसभा सीट के साथ नौटियाल की नाराजगी भी भाजपा को मिली। इसके बाद से नौटियाल एवं प्रदेश संगठन के बीच अनबन का माहौल रहा।
प्रदेश भाजपा भी क्षेत्र में अनिल नौटियाल के कद व दबदबे से अच्छी तरफ से वाकिफ थी और उन्हें ज्यादा समय तक नाराज नही रखना चाहती थी। सोमवार को जिस प्रकार कर्णप्रयाग में उनका स्वागत हुआ वह कार्यकर्ताओं व क्षेत्र में उनके रसूख को दर्शाता है। ऐसे में सवाल उठता है क्या वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में चुनाव में अनिल नौटियाल पार्टी के प्रत्याशी होंगे।