मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को सचिवालय में ‘जल जीवन मिशन’ की समीक्षा कर अधिकारियों को मिशन के अंतर्गत होने वाले कार्यों को प्राथमिकता के साथ पूर्ण करने के आदेश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2024 से पूर्व हमे ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर में जल पहुंचाना है। अधिकारी कार्यों को लेकर प्रत्येक वर्ष का टारगेट बनाये। जिससे कार्य निश्चित समय पर पूर्ण हो सके ।साथ ही पानी की उपलब्धता के साथ ही शुद्धता का भी पूरा ध्यान रखने बात कही। जहां पानी की गुणवत्ता सही नहीं हैं, ऐसे क्षेत्रों को चिंहित कर उन क्षेत्रों के लिए योजना बनायी जाय। मिशन के सफल क्रियान्वयन के लिए पेयजल, राजस्व एवं वन विभाग को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के आदेश दिये।
‘जल जीवन मिशन’ के तहत अगले 02 वित्तीय वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में 75 प्रतिशत तक पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। गत वर्ष 03 लाख 58 हजार 880 घरों को इस मिशन के तहत पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के तहत घर घर जल उपलब्ध कराने के लिए 90 प्रतिशत धनराशि केन्द्र सरकार एवं 10 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जा रही है। इस मिशन के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 में रेट्रोफिटिंग एवं नई स्कीम के तहत कुल 1465 करोड़ रूपये के कार्य किये जाने हैं।
वर्तमान में अर्द्ध नगरीय क्षेत्रों में प्रत्येक घर में प्रतिदिन 16 घण्टे पेयजल की उपलब्धता के लिए 22 अर्द्धनगरीय क्षेत्रों में कार्य किये जा रहे हैं।जिससे 96797 घरों को लाभ मिलेगा। इस प्रोजक्ट की लागत 877.50 करोड़ रूपये है। जिसके 22 में से 12 योजनाओं पर कार्य शुरू हो गये हैं।