उलझन में हरीश रावत
भाजपा एकजुट
लोकतंत्र बचाने को लेकर दिये गये बयान पर उत्तराखंड में सियासत गर्माती नजर आ रही है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत के उक्त बयान पर उत्तराखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंसीधर भगत ने पलटवार करते हुये कहा कि हरीश रावत इन दिनों अजीब सी उलझन के शिकार हो गए हैं। उन्हें हारों का हार पहनने की चिंता सता रही है। इसलिये कभी विपक्ष को लोकतंत्र का कहकहा सिखाने वाले रावत अब विधायको के बिखराव और टूट को लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत बता रहे है।
बदली हुई परस्थितियों को हरीश रावत अब अपने हिसाब से परिभाषित करने की कोशिश कर रहे हैं। उत्तराखंड में कांग्रेस के अध्यक्ष
पार्टी की रणनीति का हिस्सा अब उन्हें बनाते नही है उनकी हालात खिसियानी बिल्ली खम्बा नोचे जैसी हो गयी है। रावत की बेचैनी को इससे भी समझा जा सकता है की वह टूट के सूत्रधार नेता को भी शॉल ओढ़ाकर सम्मानित करने को तैयार है।
हरीश रावत की मनमानी और तानाशाही के कारण ही प्रदेश में राजनैतिक अस्थिरता का वातावरण जनता ने देखा जिसका असर प्रदेश के विकास पर पड़ा है। एक बार फिर वह प्रदेश में राजनैतिक अस्थिरता को हवा देने का दिवास्वप्न देख रहें हैं।
उत्तराखंड में भाजपा एकजुट है और मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में विकास कार्यो की बदौलत दोबारा सत्ता में आएगी। बेहद सख्त लहजे में भाजपा अध्यक्ष बंसीधर भगत ने हरीश रावत को जवाब देते हुए कहा कि भाजपा में टूट का जो सपना कांग्रेस देख रही है वह कभी साकार नही हो पाएगा। बेहतर होगा कि अपने अस्तित्व के लिए तरस रही कांग्रेस अपने बचे-खुचे कुनवे के बारे में सोचे और दूसरे घरो में ताक झांक करना बन्द करे।