–जूना अखाड़े के कांगड़ी स्थित महंत श्री प्रेम गिरी धाम में 14 व 15 सितम्बर तक चला अभ्यास वर्ग
-भारत एक पुरातन राष्ट्र है,भारत एक है,एक संस्कृति है,एक समाज है -जे नंदकुमार

प्रज्ञा प्रवाह के पश्चिम उत्तरप्रदेश क्षेत्र जिसमे उत्तराखंड भी शामिल है के कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के लिए क्षेत्र संयोजक पूर्व एवं पश्चिम उत्तरप्रदेश,भगवती प्रसाद राघव के मार्गदर्शन में दो दिवसीय अभ्यास वर्ग का आयोजन किया गया उक्त वर्ग में प्रज्ञा प्रवाह की उत्तराखंड इकाई देवभूमि विचार मंच, मेरठ इकाई “भारतीय प्रज्ञान परिषद” व ब्रज इकाई “प्रज्ञा परिषद” के 80 महिला एवं पुरुष कार्यकर्त्ता शामिल हुये। अभ्यास वर्ग का आरम्भ 14 सितम्बर को प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय संयोजक जे नंदकुमार के द्वारा किया गया।

अपने उद्बोधन में जे नंदकुमार ने प्रज्ञा प्रवाह की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में बताया। उन्होंने कहा,प्रज्ञा प्रवाह एक बौद्धिक आंदोलन है,यह एक ऐसा मंच है,जो समाज में भारत की सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए काम करता है। यह मंच भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं, जिसमें कला,दर्शन, साहित्य,अध्यात्म और सामाजिक विज्ञान शामिल हैं, से जुड़ा हुआ है।इसका उद्देश्य विद्वानों, बुद्धिजीवियों और उत्साही लोगों के लिए इन विषयों का पता लगाने और चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में काम करना है।इसकी स्थापना 1987 में हुई थी। प्रज्ञा प्रवाह का उद्देश्य भारत सम्बंधित वर्तमान भारत की सोच को बदलना है। भारत एक पुरातन राष्ट्र है,भारत एक है,एक संस्कृति है,एक समाज है, एक राष्ट्र है।