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    सीएम तीरथ रावत की दिल्ली यात्रा के मायने

    कुलदीप एस राणा……….
    दिल्ली में राष्ट्रपति से लेकर केंद्रीय नेताओं के साथ मैराथन मुलाकाते व मीटिंग्स कर सीएम तीरथ रावत देहरादून लौट आये है।
    राष्ट्रपति से भेंट करते सीएम तीरथ रावत
    वह रविवार 13जून की सुबह दिल्ली को रवाना हुए थे। कुछ दिन पूर्व ही वह पीएम नरेंद्र मोदी ,गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व अन्य केंद्रीय नेताओं से मुलाकात कर लौटे थे फिर अचानक दुबारा दिल्ली दौरे से उत्तराखंड के सियासी गलियारों में खुसुर पुसुर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। हो भी क्यों न ,दिल्ली न सिर्फ देश की बल्कि प्रदेशों की सियासत की भी पॉवर सेंटर है। कोई दिल्ली जाकर पवार विहीन होकर लौटता है तो पवार से लैस हो लौटता है।दिल्ली की दौड़ राजनीतिक विश्लेषकों को भी विश्लेषण का अवसर प्रदान करती है।
    केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मलसीता रमण से भेंट करते सीएम तीरथ रावत
     सीएम तीरथ रावत चार दिन तक लगातार दिल्ली में डेरा डाले रहे। पहाड़ी प्रदेश की विकास योजनाओं से जुड़े अनेक केंद्रीय मंत्रियों से मिले, स्वाभाविक है कि इन मुलाकातों में जनहितकारी मुद्दों एवं योजनाओं पर भी गहन चर्चा हुई होगी।
    सूबे के आईएएस अधिकारियों के साथ सीएम तीरथ रावत केंद्रीय मंत्री के समक्ष राज्य का विषय रखते हुए
    सीएम सूबे के प्रमुख आईएएस अधिकारियों के एक बड़ा वर्ग को भी अपने साथ ले गये थे। तीरथ रावत की इन चार दिनों की दिल्ली यात्रा पर सरसरी नजर डालने से भी स्पस्ट हो जाता है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद लगभग तीन महीने के शासनकाल मे शासकीय लोकाचार व उत्तराखंड में केंद्रीय योजनाओं की स्थिति व आवश्यकताओं का पूरा होमवर्क वह दिल्ली रवाना हुई होगें दिल्ली यात्रा एक प्रकार से तीरथ रावत की काबलियत की भी कसौटी करता है। क्योंकि राज्य मे विरोधी धड़े द्वारा उनकी नेतृत्व क्षमताओं पर कूटनीतिक सवाल खड़े करता रहा हैं। यहां आश्चर्यजनक बात यह है कि इन सवालों को खड़ा करने में जनता उनकी भूमिका ज्यादा देख व समझ रही है जिनकी कथनी एवं करनी में अंतर के कारण दिल्ली ने उन्हें सत्ता से बाहर का रास्ता दिखलाया था।
    केंद्रीय मंत्री से चर्चा करते सीएम तीरथ रावत
    बारहाल इन सब राजनीतिक झंझवातो से इतर मुख्यमंत्री उत्तराखंड राज्य की दूरगामी योजनाओं के रोडमैप पर केंद्रीय नेताओ का भरोसा एवं सहयोग प्राप्त कर लौट चुके हैं केंद्रीय नेताओं से उनकी बैठकें सफल मानी जा रही हैं। यह बैठकें उनके राजनीतिक भविष्य के लिए बेहद महत्व रखती है।जो तीरथ रावत की प्रशासनिक व नेतृत्व की दूरदर्शिता को जनता में स्थापित करेंगी।
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