अभिजीत मुहूर्त में मंत्रोच्चार और धार्मिक विधि विधान के साथ गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद
गत वर्ष गंगोत्री धाम में 811542 तीर्थयात्रियों ने माँ गंगा के दर्शन किये
देहरादून (उत्तराखंड)
दीपावली के उपरांत गोवर्धन पूजा एवं अन्नकूट पर्व के अवसर पर आज उत्तराकाशी स्थित विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिये गये। आदि काल से चली आ रही धार्मिक परम्पराओं के अनुरूप पुरोहित समाज द्वारा वैदिक पंचाग से निकाले गये शुभ अभिजीत मुहूर्त में आज शनिवार दोपहर 12 बजकर 14 मिनट पर वैदिक मंत्रोच्चार और धार्मिक विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं।

गंगोत्री धाम में उपस्थित देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालुओं ने माँ गंगा की उत्सव मूर्ति के निर्वाण दर्शन कर अभिषेक पूजा में भाग लिया। कपाट बंद होने के बाद हर-हर गंगे के उद्घोष के साथ माँ गंगा की उत्सव मूर्ति को डोली में बिठाकर परम्परानुसार मुखवा गांव के लिए प्रस्थान करवाया गया। तीर्थ पुरोहितों की अगवानी में माँ गंगा की डोली यात्रा लोक वाद्य यंत्रों एवं आर्मी बैंड की धुनों के साथ रवाना हुई। डोली यात्रा आज रात्रि में चंडी देवी मंदिर मार्कण्डेय पुरी में प्रवास करेगी। रविवार को सोमेश्वर देवता की अगवानी में भैयादूज के पर्व पर माँ गंगा की डोली यात्रा मुखबा पहुंचेंगी। जहां पर उत्सव प्रतिमा को शीतकाल के लिए गंगा मंदिर में विराजमान किया।अगले लगभग 6माह तक माँ गंगा मुखोबा में रहेगी यही उनकी पूजा अर्चना होंगी और वे अपने भक्तों को दर्शन भी देंगी।
विगत वर्ष चारधाम यात्रा 10 मई से शुरू हुई थी. गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट भी इसी दिन खुले थे इस यात्राकाल में 1 अक्टूबर सायं तक इन दोनों धामों में 1521752 तीर्थयात्रियों का आगमन हुआ है. जिनमें यमुनोत्री धाम में 710210 और गंगोत्री धाम में 811542 तीर्थयात्री शामिल हैं. वहीं बीते दिन यमुनोत्री धाम में 1510 और गंगोत्री धाम में 1726 श्रद्धालुजन पहुंचे. माँ यमुना का धाम यमुनोत्री के कपाट 3नवंबर रविवार भैय्यादूज के अवसर पर शीतकाल के लिए बंद कर दिये जायेंगे साथ ही इसी दिन रुद्रप्रयाग स्थित बाबा केदार के धाम केदारनाथ के कपाट भी शीतकाल के लिए बंद होंगे।