2 हजार करोड़ की योजना से राज्य के 12 जनपदों के 65 ब्लॉक के अंतर्गत 5991 ग्राम पंचायतों में पहुचाया जाएगा इंटरनेट।
भारत नेट फेज -2 परियोजना में राज्य के 12 जनपदों के 65 ब्लॉक के अंतर्गत 5991 ग्राम पंचायतों में इंटरनेट पहुचाया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा उक्त परियोजना हेतु 2 हजार करोड़ रूपए की स्वीकृति किये गये है। प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में इंटरनेट पहुचने से विकास के एक नए युग की शुरुवात होगी और ग्रामीण अंचलों की अर्थ व्यवस्था को गति मिलेगी।
केन्द्रीय दूरसंचार मंत्रालय अंतर्गत यूनीवर्सल सर्विसेज ऑबलीगेशन फंड द्वारा वित्त पोषित यह योजना ,भारत ब्रॉड बैंड नेटवर्क लिमिटेड द्वारा दो चरणों में क्रियान्वित की जा रही है।
उत्तराखंड में भारत नेट फेज -1 परियोजना का कार्य भारत ब्रॉड बैंड नेटवर्क लिमिटेड द्वारा स्वयं विभिन्न संस्थाओं जैसे ठैछस् व अन्य कंपनियों के माध्यम से कराया गया है। प्रथम चरण में 11 जनपदों के 25 ब्लॉक की 1865 ग्राम पंचायतों को जोड़ा जाना था।
त्रिवेंद्र रावत द्वारा व्यापक राज्यहित को देखते हुये भारत नेट फेज 2 में उत्तराखंड को शामिल किए जाने हेतु व्यक्तिगत रूप से केन्द्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद से मुलाकात कर अनुरोध किया था। दूरसंचार मंत्रालय द्वारा उत्तराखंड के सन्दर्भ में भारत नेट 2.0 परियोजना में स्टेट लेड माॅडल के अन्तर्गत सहमति दी गई है। उत्तराखंड में भारत नेट फेज -2 परियोजना की लागत लगभग रु.2000 करोड़ है, राज्य में योजना का क्रियान्वयन आईटीडीए द्वारा किया जाएगा। भारत नेट 2.0 परियोजना से राज्य में ई-गवर्नेस, ई-आफिस, ई-डिस्ट्रिक्ट, ई-हेल्थ, टेली मेडिसन, ई-एजुकेशन, ई-बैंकिंग, ई-नाम , इन्टरनेट और अन्य सुविधायें राज्यवसियोँ को प्राप्त होंगी साथ ही स्वरोजगार के अवसर भी प्राप्त हो सकेंगे। स्वास्थ्य के क्षेत्र में ई-हेल्थ के माध्यम से दूरदराज गाँव का व्यक्ति सीधे अस्पतालों से जुड़कर ईलाज उपलब्ध हो सकेगा, ऑनलाइन बैंक की सुविधा प्राप्त कर सकते है, किसान को फसलों,दवाओं, भण्डारण एवं फसल मूल्य के सम्बन्ध में सीधे जानकारी प्राप्त हो सकेंगी। किसान अपनी फसलों एवं कृृषि उत्पादों को ई-नाम के माध्यम से आनलाइन बेच सकेंगे। छोटे-छोटे व्यवसायीयों को ई-मार्केटिंग की सुविधा प्राप्त होगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार ने विगत 3 वर्षो में उत्तराखण्ड में सूचना प्रौधोगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं। सीएम डेश बोर्ड द्वारा राज्य में किये जा रहे विकास कार्यों की समीक्षा, उनकी वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की समीक्षा जनपद स्तर से लेकर मुख्यमंत्री के कार्यालय तक की जाती है। राज्य में पहला स्टेट डाटा सेन्टर तैयार किया गया। जिससें सभी विभागों के डाटा को संरक्षित किया जा सकता है। ड्रोन के क्षेत्र में राज्य ने काफी प्रगति की गयी है, प्रत्येक वर्ष दो फेस्टिवल का सफल आयोजन किया जा रहा है साथ ही युवाओं को ड्रोन से सम्बन्धित प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, जिससें रोजगार के नये अवसर प्राप्त कर सकते है। किसी भी प्रदेश सरकार के द्वारा बनाया गया यह पहला ड्रोन सेन्टर है। ड्रोन के माध्यम से आपदा के समय आपदा राहत कार्यो में भी तेजी आयेगी।
स्वान के माध्यम से राज्य मुख्यालय से समस्त जनपदों, तहसीलो एवं ब्लाकों को जोड़ा गया है जिससें अब विभागीय समीक्षा मुख्यालय ब्लाक व तहसील स्तर तक सीधे की जा सकती है। सरकार के द्वारा उक्त सुविधा ग्राम पंचायत स्तर तक किये जाने का लक्ष्य है। वर्तमान में मुख्यालय से लेकर ब्लाॅक स्तर तक वीडियों कान्फ्रेंसींग के माध्यम से बैठके आयोजित की जा सकती है।
अनेक नागरिक सेवायें जिनमे वित्तीय शिक्षा, स्किल्ड डवलपमेन्ट, स्वास्थ्य, कृषि आदि हैं काॅमन सर्विस सेन्टर के माध्यम से राज्य के नागरिकों को दी जा रही है, वर्तमान में लगभग 8350 सीएससी केन्द्र संचालित है ।राज्य के गाँव हाई स्पीड इन्टर नेट से न जुड़े होने के कारण सुविधायें दिये जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, भारत नेट 2.0 परियोजना के क्रियान्वयन के उपरान्त उक्त सुविधा प्रदेश के सभी गाँव को प्राप्त हो सकेंगी।
सरकार के द्वारा मंत्री मण्डल की बैठकों को पेपरलेस करते हुए ई-कैबिनेट की शुरुवात कर दी है। सचिवालय के लगभग 20 विभागों में ई-आफिस का कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है। जनपद स्तर पर ई-आफिस,ई-कलेक्ट्रेट के क्रियान्वयन को शीघ्र ही लागू किये जाने का निर्णय लिया गया है । जनपद देहरादून में शुभारम्भ भी कर लिया गया है अब किसी भी व्यक्ति को सरकारी कार्यालय के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी। ई-डिस्ट्रिक्ट के माध्यम से नागरिकों को लगभग 82 सुविधायें प्रदान की जा रही हैं,शीघ्र ही समस्त नागरिक सुविधायें शुरू की जाएंगी। किसी भी व्यक्ति को जाति प्रमाण-पत्र, आय प्रमाण-पत्र, समाज काल्याण कार्यों हेतु विभागों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं है।
राज्य के युवाओं को आईटी के क्षेत्र में स्किल्ड किये जाने हेतु दो ग्रोथ सेन्टर देहरादून और पिथौरागढ़ में बनाये गये है शीघ्र ही समस्त जनपदों में भी ग्रोथ सेंटर विकसित किये जायेंगे। जिससे युवाओं को आईटी के क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाया जा सकें। 1905 सीएम हेल्पलाईन के माध्यम से सीमान्त जनपदों के नागरिको की समस्याओं का संतुष्टि पूर्वक समाधान किया जा रहा है।राज्य सरकार की ई-गर्वेनेस के अन्तर्गत काॅमर्सियल टैक्स, लेंड रिकार्ड, पुलिस(सीसीटीएनएस), रोड़ ट्रांसपोर्ट, ट्रेजरी कम्प्यूटराइजेशन, पीडीएस, ई-कोर्ट, ई-प्रोक्योरमेन्ट, ई-डिजिटल लाॅकर, ई-विधान का सीधा लाभ जनता को मिल रहा हैं । डिजिटल लाॅकर के माध्यम राजकीय प्रमाण-पत्रों के ईलैक्ट्रोनिक डाक्यूमेन्ट अपने मोबाईल मे रखे जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत नेट 2.0 के माध्यम से दूरदराज के गांव के साथ ही सम्पूर्ण राज्य डिजिटल उत्तराखंड बन सकेंगा