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    अपणि सरकार-जनहित में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की एक और नई पहल

    जनता को राजकीय योजनाओं का लाभ और सुगमता से मिले इस दिशा में  मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत द्वारा एक नई पहल करने जा रहे है। सरकार राजकीय कार्यो को जनता तक सुलभ तरीके से पहुचाने की दिशा में “अपणि सरकार” नाम से एक पोर्टल तैयार कर रही है। उक्त पोर्टल में ई-डिस्ट्रिक्ट के अंतर्गत दी जाने वाली सभी सुविधाओं को भी शामिल किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने उक्त पोर्टल को विकसित करने की जिम्मेदारी आइटीडीए व एनआईसी को दी है।

    अपणि सरकार पोर्टल व सेवा का अधिकार की समीक्षा करते मुख्यमंत्री
    बुधवार 16 सितम्बर को मुख्यमंत्री द्वारा सचिवालय में सेवा का अधिकार व ई डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के अंतर्गत किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की गयी, समीक्षा के दौरान  मुख्यमंत्री ने सेवा के अधिकार के अंतर्गत आने वाली सभी 243 नोटिफाइड सेवाओं को तीन माह के अंदर ऑनलाइन करने के निर्देश दिये।
    मुख्यमंत्री समीक्षा बैठक में “अपणि सरकार” पोर्टल के माध्यम से जनहित के कार्यो को लेकर निर्देशित करते हुए एक खाका अधिकारियों के सन्मुख प्रस्तुत किया। जिसमे सभी की जिम्मेदारी सुनिश्चित की गई।
    इसके अंतर्गत विभागाध्यक्ष को अपने-अपने विभाग में “अपणी सरकार “पोर्टल हेतु जनसुविधा के लिए नोडल अफसर  बनाने के आदेश दिये। पोर्टल सुव्यवस्थित रूप से कार्य करे इस दिशा में सेवा के अधिकार आयोग के अध्यक्ष की अध्यक्षता में सभी नोडल अधिकारियों की विभागवार बैठकें होगी। 15-15 दिन के अंतराल में दोनों मंडलायुक्त अपने जिला अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सेवा के अधिकार व ई डिस्ट्रिक्ट की समीक्षा करेंगे। प्रति माह मुख्य सचिव की अध्यक्षता में  सेवा के अधिकार के अंतर्गत आने वाली सभी नोटिफाइड सेवाओं समीक्षा की जाएगी। व हर दो माह में मुख्यमंत्री स्यंम “अपणि सरकार” के अंतर्गत जनता को प्रदान किये जा रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे।  त्रिवेंद्र रावत ने उन सभी सेवाओं को भी सेवा के अधिकार में शामिल करने के निर्देश दिए जो अभी तक सेवा के अधिकार अधिनियम में अधिसूचित नही है, साथ ही जनता को परेशानी न हो इसके लिए अधिकारी जनहित में यह सुनिश्चित करें कि यदि किसी के दस्तावेज में कोई आपत्ति या कमी हो तो उनका उल्लेख एक बार में ही हो जाए ताकि जनता के समय की बर्बादी ना हो। नोटिफाइड सेवाओं को ऑनलाइन करने के लिए विभागवार लक्ष्य निर्धारित करने व अधिक उपयोग में आने वाली सेवाओं को पहले प्राथमिकता दिये जाने के निर्देश दिये। जनहित में किसी भी प्रकार की कोताही पर बेहद सख्त लहजे में त्रिवेंद्र रावत ने सेवाओं को समय पर डिलीवर न करने वाले विभागों और अधिकारियों को चिन्हित करने को भी कहा ,साथ ही पारदर्शिता के लिए सेवा का अधिकार कार्यालय में मॉनिटरिंग डैशबोर्ड बनाया जाने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
    मुख्यमंत्री, कोविड-19 के दृष्टिगत अधिक से अधिक नागरिक सेवाएं ऑनलाइन के माध्यम से उपलब्ध कराए जाने को लेकर बेहद गंभीर है। जिससे संक्रमण के प्रसार का खतरा कम हो।
    शासन प्रशासन के कार्यों में जनहित व भ्र्ष्टाचार को लेकर त्रिवेंद्र सिंह रावत का नजरिया बेहद स्पस्ट रहा है। हालांकि देखा गया है कि समय-समय पर उनके राजनीतिक सहयोगी ही उनकी मुहिम को पलीता लगाते रहते हैं। राजकीय कार्यों की क्रमवार मॉनिटरिंग के साथ जवाबदेही सुनिश्चित करने से प्रशासनिक व्यवस्थाओं को सुचारू एवं दुरुस्त किया जा सकता है। ऐसे में “अपणि सरकार” के साथ त्रिवेंद्र रावत अपने इस प्रयास में कितना सफल होते है यह आने वाले समय मे नजर आ ही जायेगा।
      किन्तु समीक्षा बैठक को देखकर लगता है कि जनहित में “सेवा के अधिकार “को लेकर त्रिवेंद्र सिंह रावत बेहद गंभीरता के साथ आगे बढ़ रहे है।
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