कुलदीप सिंह राणा, देहरादून
उत्तराखंड राज्य बने 24 वर्ष से अधिक का समय हो चुका हैं लेकिन आज भी राज्य सरकार के अंतर्गत अनेक राजकीय विभाग किराये के भवन से संचालित हो रहे हैं। कामोंबेश यहीं हाल रजिस्ट्रार भारतीय चिकित्सा परिषद का भी है जिसके उपर राज्य के आयुर्वेदिक डॉक्टर्स के अलावा आयुष नर्सिंग,पैरामेडिकल, योग एवं पंचक्रम….आदि पाठ्यक्रम की मान्यता एवं संचालन की जिम्मेदारी होती है। साथ ही प्रति वर्ष राज्य मे उक्त पाठ्यक्रम से सम्बंधित डिग्री, डिप्लोमा आदि की परीक्षाओं के आयोजन की अति महत्वपूर्ण जिम्मेदरी भी परिषद पर ही होती हैं, कार्यालय हेतु आज तक एक अदद राजकीय भवन की राह तक है।
वर्ष 2022 मे आयुष शिक्षा मंत्री रहते हुये डॉ हरक सिंह रावत ने हर्रा वाला स्थित आयुर्वेद विवि के कैम्पस मे लगभग 4 बीघा भूखंड रजिस्ट्रार,भारतीय चिकित्सा परिषद को आवंटित की थी,जिस पर विधानसभा चुनाव से पूर्व भवन निर्माण हेतु शिलान्यास कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया।
शिलान्यास कार्यक्रम (फाइल फोटो )
लेकिन नई सरकार आने के बाद से अभी तक उक्त भूमि पर भवन निर्माण तो दूर एक दीवार तक खड़ी नहीं हो सकी है। दो वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है। आखिर कब शुरू होगा निर्माण कब बनेगा भवन?
आपको बताते चलें कि बीते वर्ष परिषद मे फर्जी डॉक्टर्स के रजिस्ट्रेशन का मामला काफ़ी उछला था एसआईटी की जाँच मे अनेक दोषी निकल का सामने भी आये और जेल की सलाखो के पीछे भी गये। फर्जी आयुर्वेदिक डॉक्टर्स की कई दुकाने बंद भी हुई, बावजूद इसके शासन मे बैठे नौकारशाहों की नींद तक नहीं टूटी है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि यह विभाग प्रदेश के मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी के अधीन है और चर्चित नौकरशाह डॉ पंकज पाण्डेय इसके विभागीय सचिव हैं।
उक्त संदर्भ मे जब परिषद की रजिस्ट्रार नर्वदा गुसाई से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि “हमें नये भवन के निर्माण की अनुमति मिल गयी है अपने आदेश मे शासन ने कहा है कि परिषद अपने संसाधनों से उक्त निर्माण कार्य को संपन्न कराये। अब हम जल्द भवन निर्माण की दिशा मे कार्य शुरू करेंगे”।
रजिस्ट्रार भारतीय चिकित्सा परिषद एक ऑटोनोमास बॉडी है जो उत्तराखंड शासन के अधीन एक्ट से संचालित होता है। जिसके पास वित्तीय संसाधन सीमित है। ऐसे मे बिना शासन की वित्तीय मदद के यह निर्माण कैसे शुरू होगा यह एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है?