भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में एक केदारनाथ धाम के कपाट बुुद्धवार ,29अप्रैल सुबह विधि-विधान से भक्तों के लिए खोल दिये गए। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शुभ मुहूर्त पर मेष लग्न में प्रातः 6:10 पर कपाट खुलते ही पंचमुखी मूर्ति को गर्भ गृह में प्रवेश कराया गया मंदिर के मुख्य पुजारी भीमाशंकर लिंग के स्थान पर शिव शंकर लिंग द्वारा केदारबाबा की समाधि पूजा आरंभ की गई ,तत्पश्चात पश्चात बाबा का रुद्राभिषेक व जलाभिषेक किया गया। आगामी छह माह तक भगवान केदारनाथ की पूजा धाम में सम्पन्न होगी। धाम के मुख्य पुजारी भीमाशंकर लिंग 14 दिन के होम कोरेन्टीन पर फिलहाल उखीमठ में हैं। कपाट उदघाटन के लिए केदरनाथ धाम को 10 कुंतल फूलों से सजाया गया। साथ ही लॉक डाउन के कारण सोशल डिस्टेंसिंग के नियमो का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित किया गया। बाबा केदार की चल विग्रह डोली 26 अप्रैल को पंचगद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से गौरीकुड़ के
लिए रवाना हुई थी ,पैदल यात्रा में दूसरे पड़ाव भीमबली में पर्याप्त व्यवस्था न होने से डोली 27 अप्रैल को ही केदारनाथ पहुँच गयी थी जहां 28 अप्रैल को पंचमुखी भोग मूर्ति की पूजा अर्चना की गई और बुधवार, 29 अप्रैल को विधिविधान से धाम में प्रवेश कर स्थापित कर दी गयी।